क्यों रूठा है ज़िंदगी से ! आज नुकसान तो कल नफ़ा है .. क्यों रूठा है ज़िंदगी से ! आज नुकसान तो कल नफ़ा है ..
अमीर लोगों की नही कर सकता मैं , बराबरी,में मज़दूर हूँ दिल से नाजुक,फूल हूँ। अमीर लोगों की नही कर सकता मैं , बराबरी,में मज़दूर हूँ दिल से नाजुक,फूल हूँ।
गौरव गाएँगे इस भू का ये भू है महादानी रे रगों में इसकी दौड़ रहा है बुंदेलों का पानी। गौरव गाएँगे इस भू का ये भू है महादानी रे रगों में इसकी दौड़ रहा है बुंदेलों ...
मानवता मानवता के लिए उषा की किरण जगाने वाले हम हैं। मानवता मानवता के लिए उषा की किरण जगाने वाले हम हैं।
कितनी ज़िन्दगी खा गया तू, कोरोना तू कब जाएगा! कितनी ज़िन्दगी खा गया तू, कोरोना तू कब जाएगा!
परिवार साथ रहने वाले लोगो से बनता है जिनसे हमारा खून का रिश्ता है। परिवार साथ रहने वाले लोगो से बनता है जिनसे हमारा खून का रिश्ता है।